ज़िन्दगी शोर भरा सन्नाटा,
जंजीरों की लम्बाई तक फैला सैर-सपाटा !!!
दोस्ती का रिश्ता भी सच्चाई भरा छलावा,
टूटने पर लगता ज़हरीला काहवा !!!
कुछ अमीरों को नशा ही खाने में भाता,
चरस-अफीम भी लगता उन्हें मीठा आटा !!!
हर अफसर सरकारी नौकरी से सिर्फ रिश्वत चाहता,
मेहनत की कमाई से क्यों नहीं किसी का अब नाता ???
सच में अब ज़िन्दगी शोर भरा सन्नाटा,
जंजीरों की लम्बाई तक फैला सैर-सपाटा !!!
--- राहुल जैन (*11-54 PM on 05-11-2011*)