वफ़ा की क्या बात कर दी,
वफ़ा-ए-गुलिस्तान है यहाँ,
दोस्तों के लिए तो हाज़िर भी है जान,
पर दुश्मनों के लिए सिर्फ कब्रिस्तान है यहाँ !!!
--- राहुल जैन (*11:56 PM on 29-06-2012)
वफ़ा-ए-गुलिस्तान है यहाँ,
दोस्तों के लिए तो हाज़िर भी है जान,
पर दुश्मनों के लिए सिर्फ कब्रिस्तान है यहाँ !!!
--- राहुल जैन (*11:56 PM on 29-06-2012)