दिल चीर कर दिखाने के ज़माने गए,
उन मंज़रो-बातों से तड़पाने के ज़माने गए,
आज के ज़माने में तो फ़ोन कर ही याद कर ले ऐ दोस्त,
बातों में उलझा कर झुलसाने के ज़माने गए !!!
--- राहुल जैन (*1:35 AM on 05-12-2012*)
उन मंज़रो-बातों से तड़पाने के ज़माने गए,
आज के ज़माने में तो फ़ोन कर ही याद कर ले ऐ दोस्त,
बातों में उलझा कर झुलसाने के ज़माने गए !!!
--- राहुल जैन (*1:35 AM on 05-12-2012*)
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