खुदा ने जब इश्क़ का तसव्वुर फरमाया होगा,
तसव्वुर में खुद को शर्मिंदा पाया होगा,
इस एहसास को जज़्ब करना की मेरी क्या बिसात,
इस ढाई अक्षर की सोच ने खुदा को भी बहकाया होगा !!!
इश्क़ करने की मेरी हैसियत ही क्या है,
इस इश्क़ ने तो खुदा को भी रुलाया होगा !!!
--- राहुल जैन (*11:46 PM on 05-03-2013*)
[It uses a few lines from other couplets]
तसव्वुर में खुद को शर्मिंदा पाया होगा,
इस एहसास को जज़्ब करना की मेरी क्या बिसात,
इस ढाई अक्षर की सोच ने खुदा को भी बहकाया होगा !!!
फिर,
खुदा ने जब आखिरकार इश्क़ बनाया होगा,
तो पहले खुद पर ही आजमाया होगा,इश्क़ करने की मेरी हैसियत ही क्या है,
इस इश्क़ ने तो खुदा को भी रुलाया होगा !!!
--- राहुल जैन (*11:46 PM on 05-03-2013*)
[It uses a few lines from other couplets]
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