25 Nov 2011

यार तेरी यारी !!!


ज़िन्दगी के सारे मायने बदल दूँ,
तू कहे तो ये कायनात पलट दूँ !!!

यार तेरी यारी के लिए,
मैं अकेला इस जहाँ से लड़ लूँ !!!

--- राहुल जैन (*6:39 PM on 25-11-2011*)

6 Nov 2011

ज़िन्दगी शोर भरा सन्नाटा !!!


ज़िन्दगी शोर भरा सन्नाटा,
जंजीरों की लम्बाई तक फैला सैर-सपाटा !!!

दोस्ती का रिश्ता भी सच्चाई भरा छलावा
टूटने पर लगता ज़हरीला काहवा !!!

कुछ अमीरों को नशा ही खाने में भाता,
चरस-अफीम भी लगता उन्हें मीठा आटा !!!

हर अफसर सरकारी नौकरी से सिर्फ रिश्वत चाहता,
मेहनत की कमाई से क्यों नहीं किसी का अब नाता ???

सच में अब ज़िन्दगी शोर भरा सन्नाटा,
जंजीरों की लम्बाई तक फैला सैर-सपाटा !!!

--- राहुल जैन (*11-54 PM on 05-11-2011*)