20 Mar 2012

ज़िन्दगी का फलसफा !!!


इस्तकबाल-ए-जुर्म को वफ़ा नहीं कहते,  और
बिना मकसद जीने को ज़िन्दगी का फलसफा नहीं कहते !!! 


--- राहुल जैन (*4:55 AM on 20-03-2012*)