5 Dec 2012

याद कर ले ऐ दोस्त !!!

दिल चीर कर दिखाने के ज़माने गए,
उन मंज़रो-बातों से तड़पाने के ज़माने गए, 

आज के ज़माने में तो फ़ोन कर ही याद कर ले ऐ दोस्त, 
बातों में उलझा कर झुलसाने के ज़माने गए !!!

---  राहुल जैन (*1:35 AM on 05-12-2012*)

No comments:

Post a Comment